राव गोपाल सिंह खरवा वाक्य
उच्चारण: [ raav gaopaal sinh khervaa ]
उदाहरण वाक्य
- स्वतंत्रता समर के योद्धा: राव गोपाल सिंह खरवा
- जीवन के अंतिम दिनों में राव गोपाल सिंह खरवा बीमार रहने लगे
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- इस क्रांति का राजस्थान में लक्ष्य अजमेर, ब्यावर एवं नसीराबाद थे तथा संयोजक राव गोपाल सिंह खरवा थे।
- जून १९१५ ई. में ए.जी.जी राजपुताना के आदेश से राव गोपाल सिंह खरवा को टोडगढ़ के सुदूर पहाड़ी स्थान पर नजर-कैद किया गया
- महाराव डूंगरपुर जसवंत सिंह नरसिंहगढ़, राजकुंवर चैन सिंह, डूंगजी जवारजी और उमरकोट के रतन राणा, राव गोपाल सिंह खरवा के कार्य 1857 की क्रांति की भूमिका बने।
- में ही गौड़ावाटी पर उनका पूर्ण रूप से अधिकार हुआ होगा | लेखक: ठाकुर सोभाग्य सिंह शेखावत स्वतंत्रता समर के योद्धा: राव गोपाल सिंह खरवा | गलोबल वार्मिंग की चपेट में आयी शेखावटी की ओरगेनिक सब्जीया|
- 10. जवाहर लाल नेहरू की 1945 में उदयपुर आते समय अजमेर व ब्यावर के मध्य जिस डाकू दल ने बंदूक की नोक पर उनकी कार को रोक लिया था और बाद में उन्हें दस हजार रुपयों की थैली भेंट की, उसके नेता थे-A. राव गोपाल सिंह खरवा B.
- चंद्रधर शर्मा, माखनलाल चतुर्वेदी राव गोपाल सिंह खरवा,अर्जुनलाल सेठी जैसे स्वतंत्रता के पुजारी शामिल थे | देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सब कुछ होम कर देने वाले क्रान्तिकारी कवि केसरी सिंह ने १४ अगस्त १९४१ को “ हरी ॐ तत् सत् ” के उच्चारण के साथ अंतिम साँस ली |
- आपने “ महाराव शेखा ', ”राजा रायसल दरबारी“, ” राव गोपाल सिंह खरवा की जीवनी“, ”नवलगढ़ का इतिहास“,”प्राचीन शेखावाटी का इतिहास“, ” शेखावाटी के शिलालेख“, ”गिरधर वंश प्रकाश“,”खंडेला का वृहद् इतिहास एवं शेखावतों की वंशावली“ नामक पुस्कों को लिखने के साथ ही राजस्थान के प्रसिद्ध मांडण युद्ध पर ”मांडण युद्ध ” काव्य का संपादन किया
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